Anganbadi-Asha workers Regularization: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में दिहाड़ी मजदूरों के अच्छे दिन आने वाले हैं. बजट से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) के साथ हुई बैठक में दिहाड़ी मजदूरों का न्यूनतम वेतन बढ़ाने और मनरेगा के तहत काम का समय दोगुना करने की मांग की गई है. माना जा रहा है कि इस पर जुलाई में पेश होने वाले बजट में फैसला हो सकता है. बजट से पहले तमाम व्यापारिक और श्रमिक संगठनों ने वित्तमंत्री के साथ सोमवार 24 जून को प्री-बजट मीटिंग की, जिसमें यह मांग उठाई है.
यह भी पढ़ें: CG Trains Cancelled: छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली इन ट्रेनों को रेलवे ने किया रद्द, घर से निकलने से पहले देखें लिस्ट
Anganbadi-Asha workers Regularization: संगठनों ने कहा है कि मिनिमम वेज को मौजूदा 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 26 हजार कर दिया जाए. बढ़ती महंगाई और जीवन यापन करने की लागत को देखते हुए यह मांग की गई है. इसके अलावा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट (MGNREGA) के तहत साल में काम करने के दिन को भी बढ़ाने की मांग की है. अभी मनरेगा के तहत साल में 100 दिन काम देने की गारंटी मिलती है. इसे बढ़ाकर 200 दिन करने की मांग है, ताकि दिहाड़ी मजदूरों को पैसा कमाने का ज्यादा मौका मिल सके.
Anganbadi-Asha workers Regularization: स्थायी होंगे आशा और आंगनवाड़ी कर्मी
संगठनों ने कई योजनाओं के कर्मियों को स्थायी करने की भी मांग की है. इसमें आंगनवाड़ी कार्यकता, आशा कार्यत्री, पैरा टीचर्स शामिल हैं. इन कर्मियों को स्थायी करने के साथ पेंशन देने का भी प्रावधान किया जा सकता है. इसके अलावा केंद्र की ओर से चलाई जा रही योजनाओं की फंडिंग बढ़ाने की भी मांग की गई है.
किसानों के लिए बड़ी डिमांड
Anganbadi-Asha workers Regularization: संगठनों ने देश के किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए सभी फसलों पर एमएसपी लागू करने और डॉ एमएस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की भी मांग की है. इसमें किसानों से सरकारी खरीद की गारंटी देने सहित उनके लिए सामाजिक सुरक्षा फंड तैयार करने की भी मांग की गई है.